राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि ममता ने स्टार पावर का अपना कामयाब फॉर्मूला अपनाया है.
एक पर्यवेक्षक मदन मोहन अधिकारी कहते हैं, "ममता ने ख़ासकर दो शीर्ष अभिनेत्रियों को मैदान में उतार कर विपक्ष को करार झटका दिया है. इसी तरह शारदा घोटाले के अभियुक्त तापस पाल को टिकट नहीं देकर उन्होंने विपक्ष के हाथ से एक मुद्दा छीन लिया है."
वह कहते हैं कि सितारों के मैदान में उतरने से जीत की गारंटी तो मिलती ही है, ख़ासकर महिला अभिनेत्रियों को टिकट देकर ममता ने खुद को महिलाओं का सबसे बड़ा शुभचिंतक होने का दावा भी मजबूत किया है.
ममता ने उम्मीदवारों की सूची जारी करते वक्त कहा था कि यह तमाम दलों को मेरी चुनौती है. हमने 41 फीसदी महिलाओं को टिकट देकर सबको पीछे छोड़ दिया है.
अब बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों में भी ममता का यह फार्मूला पहले की तरह कामयाब रहेगा? लाख टके के इस सवाल का जवाब तो भविष्य ही देगा.
तमिलनाडु के दौरे पर निकले राहुल गांधी का ये वायरल वीडियो चेन्नई के स्टेला मैरिस कॉलेज फ़ॉर वुमेन की छात्राओं के साथ बुधवार को हुए संवाद का है.
सोशल मीडिया के माध्यम से लोग राहुल गांधी पर ये आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष क्षेत्र के आधार पर देश की जनता को बाँटने की कोशिश कर रहे हैं.
लेकिन इन सभी दावों को हमने बेबुनियाद पाया है क्योंकि राहुल गांधी कॉलेज की छात्राओं से देश में महिलाओं की स्थिति पर चर्चा कर रहे थे और उत्तर भारतीय महिलाओं पर टिप्पणी के बाद उन्होंने कहा था कि दक्षिण भारत में भी महिलाओं के लिए सुधार करने की गुंजाइश है.
चेन्नई के स्टेला मैरिस कॉलेज फ़ॉर वुमेन में संवाद कार्यक्रम शुरू होने के क़रीब 20 मिनट बाद एक छात्रा ने राहुल गांधी से सवाल पूछा था कि भारत में महिलाओं की स्थिति पर और उनके साथ होने वाले भेदभाव पर उनकी क्या राय है?
इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, "मेरा मानना है कि जिस तरह से भारतीय महिलाओं के साथ व्यवहार किया जाता है, उसमें काफ़ी सुधार हो सकता है. ये उल्लेखनीय है कि इस मामले में उत्तर भारत की तुलना में दक्षिण भारतीय महिलाओं की स्थिति काफ़ी बेहतर है."
"अगर आप बिहार या उत्तर प्रदेश जाएंगे और वहां की महिलाओं के साथ जैसा व्यवहार होता है, उसे देखेंगे तो आप हैरान रह जाएंगे. इसके कई सांस्कृतिक कारण हैं. लेकिन तमिलनाडु उन राज्यों में शामिल है जहाँ महिलाओं के साथ बेहतर व्यवहार किया जाता है."
एक पर्यवेक्षक मदन मोहन अधिकारी कहते हैं, "ममता ने ख़ासकर दो शीर्ष अभिनेत्रियों को मैदान में उतार कर विपक्ष को करार झटका दिया है. इसी तरह शारदा घोटाले के अभियुक्त तापस पाल को टिकट नहीं देकर उन्होंने विपक्ष के हाथ से एक मुद्दा छीन लिया है."
वह कहते हैं कि सितारों के मैदान में उतरने से जीत की गारंटी तो मिलती ही है, ख़ासकर महिला अभिनेत्रियों को टिकट देकर ममता ने खुद को महिलाओं का सबसे बड़ा शुभचिंतक होने का दावा भी मजबूत किया है.
ममता ने उम्मीदवारों की सूची जारी करते वक्त कहा था कि यह तमाम दलों को मेरी चुनौती है. हमने 41 फीसदी महिलाओं को टिकट देकर सबको पीछे छोड़ दिया है.
अब बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों में भी ममता का यह फार्मूला पहले की तरह कामयाब रहेगा? लाख टके के इस सवाल का जवाब तो भविष्य ही देगा.
सोशल मीडिया पर ये दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दक्षिण भारतीय वोटर्स को रिझाने के लिए उत्तर भारतीय महिलाओं का अपमान किया है.
अपने इस दावे को मज़बूती
देने के लिए दक्षिणपंथी रुझान वाले सोशल मीडिया यूज़र्स ने राहुल गांधी का
15 सेकेंड का एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें उन्हें कहते सुना जा सकता है
कि 'दक्षिण भारतीय महिलाओं की स्थिति काफ़ी बेहतर है'.तमिलनाडु के दौरे पर निकले राहुल गांधी का ये वायरल वीडियो चेन्नई के स्टेला मैरिस कॉलेज फ़ॉर वुमेन की छात्राओं के साथ बुधवार को हुए संवाद का है.
सोशल मीडिया के माध्यम से लोग राहुल गांधी पर ये आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष क्षेत्र के आधार पर देश की जनता को बाँटने की कोशिश कर रहे हैं.
लेकिन इन सभी दावों को हमने बेबुनियाद पाया है क्योंकि राहुल गांधी कॉलेज की छात्राओं से देश में महिलाओं की स्थिति पर चर्चा कर रहे थे और उत्तर भारतीय महिलाओं पर टिप्पणी के बाद उन्होंने कहा था कि दक्षिण भारत में भी महिलाओं के लिए सुधार करने की गुंजाइश है.
चेन्नई के स्टेला मैरिस कॉलेज फ़ॉर वुमेन में संवाद कार्यक्रम शुरू होने के क़रीब 20 मिनट बाद एक छात्रा ने राहुल गांधी से सवाल पूछा था कि भारत में महिलाओं की स्थिति पर और उनके साथ होने वाले भेदभाव पर उनकी क्या राय है?
इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, "मेरा मानना है कि जिस तरह से भारतीय महिलाओं के साथ व्यवहार किया जाता है, उसमें काफ़ी सुधार हो सकता है. ये उल्लेखनीय है कि इस मामले में उत्तर भारत की तुलना में दक्षिण भारतीय महिलाओं की स्थिति काफ़ी बेहतर है."
"अगर आप बिहार या उत्तर प्रदेश जाएंगे और वहां की महिलाओं के साथ जैसा व्यवहार होता है, उसे देखेंगे तो आप हैरान रह जाएंगे. इसके कई सांस्कृतिक कारण हैं. लेकिन तमिलनाडु उन राज्यों में शामिल है जहाँ महिलाओं के साथ बेहतर व्यवहार किया जाता है."
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