Skip to main content

कश्मीर के नाम पर पाकिस्तान में वायरल फ़र्ज़ी ख़बरों का सच: फ़ैक्ट चेक

पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री अली हैदर ज़ैदी ने सोशल मीडिया पर पुलिस लाठीचार्ज का एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया है कि ये वीडियो भारत प्रशासित कश्मीर का है.
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ज़ैदी ने यह वीडियो पोस्ट किया है जिसे अब तक दो लाख से ज़्यादा बार देखा जा चुका है.
उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है, "दुनिया देखे कि नरेंद्र मोदी सरकार कश्मीर में क्या करवा रही है. अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप को भारत पर व्यापारिक प्रतिबंध लगाने चाहिए, इससे पहले कि ज़्यादा देर हो जाए."
वीडियो उस समय का है जब 'डेरा सच्चा सौदा' के प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को रेप के एक मामले में दोषी क़रार दिया गया था और उनके समर्थकों ने पंचकुला के स्पेशल सीबीआई कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ शहर में हिंसक प्रदर्शन किये थे.
पुरानी रिपोर्ट्स के अनुसार इन हिंसक प्रदर्शनों के दौरान 30 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई थी और राज्य में 2500 से ज़्यादा लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था.
लेकिन ज़ैदी ने दो साल पुराने इस वीडियो को अब ग़लत संदर्भ के साथ पोस्ट किया है जिसकी वजह से यह वीडियो पाकिस्तान के कई बड़े सोशल मीडिया ग्रुप्स में शेयर किया जा रहा है.
यह पहली दफ़ा नहीं है जब भारत प्रशासित कश्मीर में चल रहे मौजूदा तनाव से जोड़ते हुए पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री अली हैदर ज़ैदी ने पुराना वीडियो ग़लत संदर्भ के साथ पोस्ट किया है.
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 निष्प्रभावी किये जाने के भा
पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के पूर्व डीजी हमीद गुल के बेटे अब्दुल्लाह गुल ने एक वीडियो ट्वीट किया है जिसमें कुछ लोग घायलों की मदद करते दिखाई देते हैं.
इस वीडियो के साथ उन्होंने लिखा है, "कश्मीर में कत्लेआम शुरू हो चुका है. ये वीडियो मुझे एक कश्मीरी बहन ने भेजा है. हम कश्मीरी लोगों को राजनयिक, नैतिक और राजनीतिक मदद मुहैया करा रहे हैं."
रत सरकार के फ़ैसले से कुछ दिन बाद ही एक वीडियो ट्वीट किया था जिसे अब तक सवा दो लाख बार देखा जा चुका है और क़रीब चार हज़ार लोग इस वीडियो को शेयर कर चुके हैं.
लेकिन ये वीडियो भी तीन साल पुराना है. ' ' नाम के एक यू-ट्यूबर ने 18 अक्तूबर 2016 को यह वीडियो पोस्ट किया था.
गुल ने 25 सेकेंड के जिस वीडियो को शेयर किया है, उसे साठ हज़ार से ज़्यादा बार देखा जा चुका है और क़रीब दो हज़ार लोगों ने इसे शेयर किया है.
बीबीसी ने अपनी जाँच में पाया कि 'कश्मीर न्यूज़' नाम के एक यू-ट्यूबर ने 21 अक्तूबर 2018 को इस वीडियो को भारत प्रशासित कश्मीर के कुलगाम ज़िले का बताते हुए पोस्ट किया था.
इस घटना के बारे में इंटरनेट पर सर्च करने से हमें 'ग्रेटर कश्मीर' नाम की एक वेबसाइट का न्यूज़ आर्टिकल मिला जिसे 22 अक्तूबर 2018 को पोस्ट किया गया था.
इस आर्टिकल के अनुसार, दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम ज़िले में 20-21 अक्तूबर की दरमियानी रात सुरक्षाबलों और चरमपंथियों के बीच एक लंबी मुठभेड़ चली थी जिसमें सात आम लोग भी मारे गये थे.
वायरल वीडियो में इन्हीं आम लोगों के शव गाँव से बाहर लेकर जाते हुए लोग दिखाई देते हैं.
कुलगाम की इसी घटना का वीडियो क़रीब एक साल बाद अब पाकिस्तान में वायरल हो रहा है जिसे लोग घाटी की मौजूदा स्थिति से जोड़कर शेयर कर रहे हैं.
पाकिस्तान के कई बड़े फ़ेसबुक ग्रुप्स में कश्मीर का बताते हुए एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसे पाकिस्तान के नामी पत्रकारों में से एक हामिद मीर ने भी ट्वीट किया था.
उन्होंने लिखा, "ये जम्मू-कश्मीर का लेटेस्ट वीडियो है (16 अगस्त का). श्रीनगर के क़रीब भारतीय फ़ौज ने 4 कश्मीरी लड़कों को मानव ढाल बनाया ताकि वो पत्थरबाज़ों से पार पा सकें."
इमेज कॉपीरइट TWITTER उनके अनुसार, यह वीडियो हिजबुल मुजाहिद्दीन के एक स्थानीय कमांडर बुरहान वानी के जनाज़े का है.
24 वर्षीय बुरहान वानी हिज़बुल मुजाहिद्दीन का पहला कमांडर था जिसने अपनी और अपने साथियों की हथियार लिए हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर लगाई थीं.
भारत प्रशासित कश्मीर के अनंतनाग ज़िले में सुरक्षाबलों और चरमपंथियों के बीच चली लंबी मुठभेड़ में बुरहान वानी की मौत हो गई थी. वानी की मौत की पुष्टि 9 जुलाई 2016 को हुई थी.
वीडियो में फ़ौजियों के बीच बैठे हुए 4 लड़के दिखाई देते हैं जिनके बारे में दूसरे तरफ़ खड़े कुछ लोगों को कहते सुना जा सकता है कि भारतीय फ़ौज ने पत्थरबाज़ी रोकने के लिए उनके साथियों को अपनी कार के आगे बैठा लिया है.
रिवर्स सर्च से पता चलता है कि ये भी एक साल पुराना मामला है और जम्मू-कश्मीर की हालिया परिस्थिति से इसका संबंध नहीं है.
कश्मीर से चलने वाली वेबसाइट 'कश्मीर वाला' और 'कश्मीर रीडर' के अलावा कुछ मुख्यधारा की न्यूज़ वेबसाइट्स न्यूज़लॉन्ड्री और स्क्रॉल ने भी इस घटना पर रिपोर्ट की थी.
इनके अनुसार, दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा ज़िले में स्थित सांबोरा गाँव में यह घटना 18 जून 2019 को हुई थी.
इस घटना के बारे में बात करते हुए स्थानीय लोगों ने यह आरोप लगाये थे कि सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों ने चार युवकों को मानव ढाल के तौर पर इस्तेमाल किया. जबकि स्थानीय पुलिस ने कहा था कि इन चार लड़कों को आधिकारिक तौर पर गिरफ़्तार नहीं किया गया था.
5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद-370 के निष्प्रभावी किए जाने के बाद पाकिस्तान में ही भारत प्रशासित कश्मीर से जुड़ी अफवाहें सर्कुलेट की गईं, ऐसा नहीं है. भारत में भी ऐसा हुआ है जिसपर बीबीसी ने 8 अगस्त को एक रिपोर्ट की थी.

Comments

Popular posts from this blog

اعتزال إليسا: المطربة اللبنانية تقول إن شركات الإنتاج أصبحت "مافيا"

أعلنت المغنية اللبنانية إليسا اعتزالها من عالم الغناء والموسيقى، وأنحت باللائمة على صناعة الموسيقى "الشبيهة بالمافيا". وفاجأت إليسا جمهورها الاثنين بقولها إن ألبومها القادم سيكون آخر ألبوماتها. ولم توضح المغنية، البال غة من العمر 46 عاما، أسباب مقارنتها صناعة الموسيقى بالمافيا، ولكنها شكت العام الماضي بفرض حظر على أغانيها بسبب شروط التعاقد مع شركتها للإنتاج روتانا. وفي تغريدة، قالت إليسا إنها قرر ت الإعلان عن اعتزالها "بقلب مثقل بالحزن ولكن باقتناع بالغ ". وإليسا، واسمها الحقيقي إليسار خوري، واحدة من أكث ر المغنين في العالم العربي من حيث المبيعات حيث باعت الملايين من الاسطوانات في شتى أرجاء العالم. وبدأت إليسا مسيرتها الفنية بعد دراسة السياسة في الجامعة اللبنانية، وحظيت بالانتباه بعد الفوز بالميدالية الفضية في برنامج "استوديو الفن". ومنذ ذلك الحين أصدرت 11 ألبوما وفازت بعدد من الجوائز. وبعيدا عن نشاطها الموسي قي، أصدرت إليسها مجموعتها من العطور، وك انت من المحكمين في بعض البرامج الموسيقية، وظهرت في الدعاية لبعض المنتجات مثل بيبسي. وتناو...

सुल्तानपुर लोधी जहां गुरुनानक ने 14 साल बिताए

1923 से जमा किए गए सरकारी आंकड़ों के अनुसार इससे पहले इस तरह की स्थिति 1966 में पैदा हुई थी जब बाढ़ का पानी 1.94 मीटर ऊंचे तक भर गया था. वेनिस के पेल्लेस्ट्रीना द्वीप में बाढ़ के कारण दो लोगों की मौत हो गई है. मोटर पंप चालू करते वक्त एक व्यक्ति की करंट लगने से मौत हो गई जबकि द्वीप पर एक अन्य व्यक्ति मृत पाए गए थे. अली के मुताबिक़, गुरुनानक का प्रकाश पर्व यहां के लोगों के लिए बहुत अहमियत रखता है और चूंकि 550वां प्रकाश पर्व है तो जुलूस निकालने की व्यवस्था की गई है. यह जुलूस मुख्य गुरुद्वारे से होता हुआ शहर में मौजूद छह अन्य गुरुद्वारों से होता हुआ आगे बढ़ेगा. ये सभी गुरुद्वारे गुरुनानक देव के बचपन की प्रमुख यादों और संदेशों को याद करते हुए निर्मित किये गए हैं. ननकाना साहिब में इस पर्व की तैयारियां पिछले एक हफ़्ते से चल रही हैं. अली बताते हैं कि यूं तो हर साल ही लोग इस मौक़े पर ननकानासाहिब आते हैं लेकिन निश्चित तौर पर इस बार यह संख्या अधिक है. अली इसका एक बड़ा कारण करतारपुर कॉरिडोर के खुलने को भी मानते हैं. प्रधानमंत्री कॉन्टे ने कहा है कि 2013 में मोस प्रोजेक्ट का आंशिक रूप ...