राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि ममता ने स्टार पावर का अपना कामयाब फॉर्मूला अपनाया है. एक पर्यवेक्षक मदन मोहन अधिकारी कह ते हैं, "ममता ने ख़ासकर दो शीर्ष अभिनेत्रियों को मैदान में उतार कर विपक्ष को करार झटका दिया है. इसी तरह शारदा घोटाले के अभि युक्त तापस पाल को टिकट नहीं देकर उन्होंने विपक्ष के हाथ से एक मुद्दा छीन लिया है." वह कहते हैं कि सितारों के मैदा न में उतरने से जीत की गारं टी तो मिलती ही है, ख़ासकर महिला अभिनेत्रियों को टिकट देकर ममता ने खुद को महिलाओं का सबसे बड़ा शुभचिंत क होने का दावा भी मजबूत किया है. ममता ने उम्मीदवारों की सूची जारी करते वक् त कहा था कि यह तमाम दलों को मेरी चुनौती है. हमने 41 फीसदी महिला ओं को टिकट देकर सबको पीछे छोड़ दिया है. अब बदली हुई राजनीतिक परिस् थितियों में भी ममता का यह फार्मूला पहले की तरह कामयाब रहेगा? लाख टके के इस सवाल का जवाब तो भवि ष्य ही देगा. सोशल मीडिया पर ये दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दक्षिण भारतीय वोटर्स को रिझाने के लिए उत्तर भारती य महिलाओं का अपमान किया है. अपने इस दावे को मज...